Kabir ke dohe in Hindi pdf download

Kabir ke dohe in Hindi pdf: क्या आप कबीर के दोहे की पीडीएफ फाइल खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें। यहां इस लेख में हम kabir ke dohe in hindi pdf का अर्थ सहित परिचय करा रहे हैं।  नमस्कार दोस्तों, Yoursguide ब्लॉग में आपका स्वागत है! आज हमारा विषय है: 100+ kabir ke dohe in hindi pdf

तो दोस्तों, इस लेख के साथ हम प्रस्तुत हैं kabir ke dohe in hindi pdf। यहां आप कबीर दास के दोहे अर्थ सहित पढ़ सकते हैं। मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा; कृपया किसी भी सुझाव या त्रुटि के बारे में हमारे कमेंट बॉक्स में टिप्पणी छोड़ कर हमें बताएं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। संत कबीर दास भारत के महानतम कवियों में से एक हैं और समाज में उनका बहुत सम्मान किया जाता है। 1398 में उत्तर प्रदेश के काशी (वाराणसी) में लहरतारा के पास एक बुनकर परिवार में जन्म।  कबीर दास जी को उनकी कविता में निहित गहराई और सच्चाई के लिए आज भी याद किया जाता है। उनके दोहे बहुत अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

Kabir ke Dohe in Hindi pdf download

The download link for Kabir das ke dohe in Hindi pdf is given below. you can very easily download this pdf on your mobile phone.

Kabir Ke Dohe In Hindi Pdf

Book NameKabir Ke Dohe In Hindi
AuthorKabir Das
File TypePdf
Pdf Size0.3 MB
Pdf Pages36

Top 10 kabir ke dohe with meaning

Below we are providin you best kabir ke dohe.

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ी रहन दो म्यान ।1।

मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार ।
तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुरि न लागे डारि ।2।

क्या मांगुँ कुछ थिर ना रहाई, देखत नैन चला जग जाई।
एक लख पूत सवा लख नाती, उस रावण कै दीवा न बाती।3|

गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय ।4।

ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ।5।

बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर ।6

पत्थर पूजें हरि मिले तो मैं पूजूँ पहार।
तातें तो चक्की भली, पीस खाये संसार ।7।

काल करै सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होयगी, बहुरि करेगा कब ।8।

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय ।
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय ।9।

नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए ।
मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए ।10।

Friends, we provide here Kabir Ke Dohe In Hindi Pdf today with this article. I hope that you have found our blog enjoyable; if any suggestion or error arises please use the comment box to let us know immediately. Thank you.

Kabir ke Dohe in Hindi Pdf, Kabir ke Dohe Pdf, Kabirdas ke Dohe in Hindi, Kabir Das ke Dohe in Hindi Pdf, Kabir ke Dohe Book, Kabir ke Dohe in Hindi Pdf with Meaning, Kabir Das Kabir ke Dohe in Hindi Pdf, Pdf Kabir ke Dohe in Hindi |

Leave a Comment